अगरोठा गांव की महिलाएं, फोटो क्रेडिट,सोशल मीडिया

#Achhakaam : 250 महिलाओं ने 18 महीने में पहाड़ काटकर गांव तक पहुंचाया पानी

Updated: Oct 1,2020,01:55 AM IST Karan Solanki

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बिहार के लौंगी भुईयां इन दिनों सुर्खियों में हैं, उनकी कहानी तो आपने जरूर सुनी होगी। गया के इमामगंज व बांकेबाजार प्रखंड की सीमा पर जंगल में बसे कोठीलवा गांव तक पानी पहुंचाने के लिए लौंगी भुइयां ने पांच किलोमीटर लंबी नहर खोद डाली थी। 20 साल में उन्होंने पांच किलोमीटर लंबी, चार फीट चौड़ी व तीन फीट गहरी पईन की खुदाई कर डाली थी। इसके बाद, महिन्द्रा एंड महिन्द्रा के मालिक आंनद महिन्द्रा ने लौंगी भुइयां को ट्रैक्टर भेंट किया था। ऐसी ही मिसाल मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के अंगरोठा  गांव की महिलाओं  ने भी कायम की है। छतरपुर जिले के अंगरोठा गांव की 250 महिलाओं ने पहाड़ को काटकर एक ऐसा रास्ता बनाया है, जिससे उनके गांव के तालाब में पानी आ सके। 18 महीने की मेहनत रंग लाई और अब तालाब में पानी भरने लगा।

छतरपुर जिले के अंगरोठा गांव की 250 महिलाओं ने पानी के लिए रास्ता बनाने के लिए एक पहाड़ को काट दिया। गांव लंबे समय से पानी की किल्लत से जूझ रहा था, जिसके बाद महिलाओं ने खुद ही हल निकालने की ठान ली। गांव की रहने वालीं बबिता राजपूत ने बताया कि हम रास्ता बनाने के लिए 18 महीनों से लगातार काम कर रहे थे। जंगल वाले इलाके में पानी मौजूद था, लेकिन हमारे गांव तक नहीं आ पा रहा था। उन्होंने कहा, ''ऐसे में गांव की हम महिलाओं ने पहाड़ को काटने का फैसला किया, जिससे पानी को गांव के तालाब तक लाया जा सके।''

वहीं, एक अन्य महिला ने कहा, ''हम खुद के लिए ऐसा कर रहे हैं क्योंकि यहां पानी की कमी है। हम खेती करने में असमर्थ थे। हमारे गांव में लगभग 250 महिलाओं ने तालाब में पानी लाने के लिए एक रास्ता बनाया। इस काम को पूरा करने में हमें लगभग 18 महीने लगे।' असंभव को संभव होने के साक्षी एक ग्रामीण कहते हैं, 'हमारे गांव में पानी की समस्या है। हमारे गांव की 250 महिलाओं ने तालाब में पानी लाने के लिए ऐसा काम किया।'

दशरथ मांझी ने सड़क के लिए काट दी पहाड़ : ऐसी ही कुछ कहानी बिहार के दशरथ मांझी की भी रही, जिन्होंने गया के करीब गहलौर गांव में एक हथौड़े और छेनी की मदद से पूरे पहाड़ को काटकर सड़क बना दी थी। सफलता मिलने तक सभी दशरथ का उपहास करते थे। लेकिन, लंबे संघर्ष के बाद जब दशरथ  ने सफलता पाई तो आज सभी उनको मिसाल मानते हैं। उनकी प्रेरणादायी कहानी ने चकाचौंध  की दुनिया बालीवुड को भी प्रेरित किया और उन पर फिल्में भी आईं।

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