Udit Singhal. PC : twitter
खाली बोतलों से रेत बनाने वाले दिल्ली के उदित सिंघल यूएनओ के यंग लीडर
नई दिल्ली। सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने में अहम भूमिका निभाने वाले 17 यंग लीडर्स की संयुक्त राष्ट्र संघ ने घोषणा की है। इनमें दिल्ली के 18 वर्षीय उदित सिंघल भी शामिल हैं। उदित पर्यावरण के लिए खतरा बन रहेे शीशे के बोतलों का स्वरूप बदलकर उन्हें उपयोगी बना रहे हैं। उन्होंने खाली बोतलों को पीसकर उनसे रेत तैयार करने के लिए ‘ग्लास टू सैंड’ अभियान शुरू किया है। संयुक्त राष्ट्र संघ पर्यावरण एवं सतत विकास के क्षेत्र में इनोवेटिव योगदान देने वाले युवाओं को प्रोत्साहित करता है। साथ ही, यंग लीडर्स के रूप में मान्यता प्रदान करता है ताकि उनके कार्य से युवा पीढ़ी प्रेरित हो। विश्व के समक्ष पेश आ रही प्रमुख चुनौतियों से निपटने के प्रयासों में लगे युवाओं के कार्यो को प्रोत्साहन देने वाला यह अहम मंच है।
संयुक्त राष्ट्र की तरफ से जारी बयान के अनुसार उदित सिंघल ने खाली बोतलों की गंभीर समस्या का समाधान तलाशने की दिशा में कार्य शुरू किया है। दरअसल, खाली बोतलों को कूड़े में फेंक दिया जाता है। ये कूड़े के ढेर तक पहुंच तो जाती हैं, लेकिन नष्ट नहीं होती हैं। इस समस्या के समाधान के लिए उदित ने इन बोतलों को पीसकर बालू तैयार किया है। यह प्राकृतिक बालू से बेहतर गुणवत्ता का होता है। इसका इस्तेमाल बालू की जगह किया जा सकता है। उन्होंने इसके लिए न्यूजीलैंड से एक मशीन मंगाई और दिल्ली के होटलों आदि से खाली बोतल एकत्र कर उन्हें तोड़कर बालू बनाने का कार्य कर रहे हैं। उदित के अभियान का नाम ‘ग्लास टू सैंड’ है । अब तक हजारों बोतलों को तोड़कर वे बालू बना चुके हैं। सिंघल ने एक बयान में कहा, 'एसडीजी के एक युवा प्रणेता के तौर पर मैं बदलाव लाने की दिशा में सक्रिय रूप से काम करूंगा। उम्मीद करता हूं कि मैं लोगों को बेहतर नागरिक बनने के लिए प्रेरित कर पाऊं।'
जिन 17 युवाओं को यंग लीडर्स चुना गया है, उनकी उम्र 18 से 29 साल के बीच है। इनमें अमेरिका के एवे युवांग, टर्की के इलायदा इस्कीताकिलू, चीन के जियेंग लियू, पाकिस्तान की हादिया बसीर, पेरू के लेस्टर फिलिप वार्गास, बुल्गारिया के मार्टिन आदि शामिल हैं।