Landfill turned garden in Coonoor
Garbage To Garden: समांथा अय्याना ने कूड़ेघर को बना दिया बाग, आंनद महिंद्रा ने की तारीफ
कुन्नूर (तमिलनाडु): तमिलनाडु में एक हिल स्टेशन है। नाम है कुन्नूर। यह नीलगिरी के चाय के बागों के बीच स्थित देश की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। लेकिन करीब डेढ़ साल पहले तक कुन्नूर में एक बहुत बड़ा कूड़ाघर भी था। फिर समांथा अय्याना नाम की एक पर्यावरणविद ने ना केवल उस कूड़ेघर को एक खूबसूरत बाग में बदल दिया, बल्कि कूड़े को रिसाइकिल भी किया। उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने खुद उनकी तारीफ की है।
एक ट्वीट करते हुए महिंद्रा ने लिखा, "मैं ऊटी में पढ़ा हूं इसलिए कुन्नूर को अच्छी तरह से जानता हूं। कुन्नूर को खूबरसूरत बनाए रखने के लिए समांथा का शुक्रिया। रीसाइक्लिंग तो और भी ज्यादा प्रेरणा देने वाली है। 'गार्बेज टू गार्डन' अब पूरे देश का नारा है।"
I studied in Ooty so I’m familiar with Coonoor. Thank you Samantha for your inspiring efforts to sustain its beauty. Especially impressive is the recycling which, I hope, provides commercial support to the work. ‘Garbage to Garden’ is a rallying cry for the whole country! pic.twitter.com/atpeScURL2
— anand mahindra (@anandmahindra) November 18, 2020
दरअसल, 2014 में कुन्नूर को साफ सुथरा बनाने के लिए क्लीन कुन्नूर नाम का एनजीओ बनाया गया। इसके बाद पिछले साल इस एनजीओ ने कुनूर नदी को साफ करने का भारी भरकम काम अपने जिम्मे लिया। इस एनजीओ की संस्थापक सदस्य सामंथा अय्याना ही हैं। उन्होंने बताया कि सफाई से पहले कुनूर नदी कूड़े से भरे नाले की जैसी हो गई थी।
इस नदी को साफ करते हुए करीब 12 हजार टन कूड़ा बाहर निकाला गया। हैदराबाद के राजश्री पिन्नामनेनी ने इस काम में अय्याना के समूह की मदद की। पिन्नामनेनी भी एक ऐसे एनजीओ के सदस्य हैं, जो गांवों को प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में काम कर रहा है।
अय्याना बताती हैं कि उनके समूह ने करीब 50 साल का कूड़ा बाहर निकाला। फिर जब इस कूड़े को कुन्नूर के कूड़ाघर में फेंकने की तैयारी हुई, तब समूह ने पाया कि इस कूड़ेघर की सफाई ही जरूरी है। तय किया गया कि कूड़ेघर की एक एकड़ जमीन को बाग में बदला जाएगा। वहीं 2 एकड़ जमीन को लॉन के रूप में। इस काम में कुन्नूर की नगरपालिका ने भी मदद की और देखते ही देखते कूड़ाघर एक सुंदर बाग बन गया।
कूड़े के भंडार से बहुत अधिक मात्रा में प्लास्टिक और कागज प्राप्त हुआ। समूह ने प्लास्टिक को हैदराबाद भेजा। जहां रीसाइक्लिंग कर इसे ईंधन में बदला जाता है। वहीं कागज तमिलनाडु के ही पोलची में भेजा जाता है। समूह अभी भी इलेक्ट्रॉनिक कूड़े की रीसाइक्लिंग के लिए योजना बना रहा है।
यह पूरा प्रोजेक्ट किसी प्रेरणा से कम नहीं है। यूं तो कुन्नूर में ढेर सारे पर्यटक स्थल हैं और अब यह बाग भी उनमें ही जुड़ गया है। ना केवल पर्यटक बल्कि कुन्नूर के स्थानीय लोग भी इस बाग का आनंद लेते हैं, जो पहले एक बड़ा कूड़ाघर था। बाग में अनेकों तरह के झूले हैं, वेस्ट मैटेरियल से तैयार की गई आकृतियां हैं, जो बच्चों को बहुत रास आती हैं।
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