KWSheppard

#Achhakaam : 19 सितंबर को दुनिया में महिलाओं को पहली बार वोट करने का अधिकार मिला

Updated: Sep 19,2020,12:21 AM IST

Share
Share

 

नई दिल्ली।  लगभग पूरी दुनिया की राजनीति में महिलाओं हिस्सेदारी तेजी से बढ़ रही है, जो एक अच्छी बात है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि महिलाओं को सबसे पहले वोट देने का अधिकार 127 साल पहले न्यूजीलैंड ने आज ही के दिन (19 सितंबर)  दिया था। न्यूजीलैंड के लार्ड ग्लास्गो ने 19 सितंबर 1893 को एक बिल पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत महिलाओं को वोट करने का कानूनी अधिकार मिला था। हालांकि तब वह ब्रिटिश उपनिवेश था। इसके लिए केट शेपर्ड ने एक लंबा आंदोलन चलाया, जिनकी तस्वीर वहां के 10 डॉलर के नोट पर छपी है। आइए जानते हैं कि किस-किस देश ने कब महिलाओं को वोट करने का अधिकार दिया। 

फिनलैंडः 1906 
फिनलैंड जब रूस का हिस्सा था, तब 1906 के दौरान उसने महिलाओं को वोट करने का अधिकार दिया। इसके बाद यहां 1907 के चुनाव में महिलाओं ने पहली बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। यह कानून 1905 की रूसी क्रांति से संबंधित एक सामान्य हड़ताल से प्रेरित था।

डेनमार्कः 1915 
डेनमार्क में साल 1915 में महिलाओं ने राष्ट्रीय चुनाव में वोट दिए थे। लेकिन 1908 के बाद से ही महिलाएं वहां के स्थानीय चुनावों में भाग ले सकती थीं। 

आइसलैंडः 1915
आइसलैंड की लगभग 40 महिलाओं को 1915 में वोट देने का अधिकार हासिल हुआ था। इस देश ने 1920 में महिलाओं की वोट करने की न्यूनतम आयु 25 साल से घटाकर कम कर दी थी। अब वहां की महिलाएं न्यूनतम 18 साल की उम्र में वोट कर सकती हैं। 

रूसः 1917 
रूस में महिलाओं को वोट करने का अधिकार प्राप्त करने के लिए लंबी लड़ाई लड़नी प़ड़ी। साल 1917 में पेत्रोग्राद में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन के बाद रूसी महिलाओं को वोट करने का अधिकार मिला। 

जर्मनीः 1918
साल 1918 में शुरू होने वाले चुनाव के लिए जर्मन महिलाएं मतदान कर सकती थीं और भाग सकती थीं।

ब्रिटेनः 1918
ब्रिटेन ने साल 1918 में महिलाओं को वोट करने का अधिकारी दिया। शुरुआती दौर में 30 साल या उससे अधिक उम्र की महिलाएं वोट डाल सकती थीं, जबकि पुरुषों की उम्र सीमा 21 साल थी। अब वहां वोट करने की न्यूनतम उम्र 18 साल है। 

अमेरिकाः 1920
अमरीका में महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिलने में 144 साल लग गए थे। अमेरिका में महिलाओं को मताधिकार 1920  में दिया गया।

ब्राजीलः 1932
यहां महिलाओं को वोट करने का अधिकारी साल 1932 में मिल गया था। लेकिन 1945 तक यहां पुरुषों और महिलाओं को वोट करना अनिवार्य नहीं था। 

तुर्की ः 1934
साल 1930 में तुर्की की महिलाएं वोट दे सकती थीं और स्थानीय दफ्तर के लिए चुनाव लड़ सकती थीं। इसके बाद कार्यपालिका ने 1934 में बिल पास किया और महिलाओं को संसद के चुनाव में वोट करने का अधिकार मिला। 

फ्रांसः 1944
फ्रांस में महिलाओं को 1944 में पारित कानून के माध्यम से वोट करने का अधिकार मिला, जिसके बाद हुए चुनावों में वे वोट डाल सकती थीं। 

जापानः 1945
जापानी महिलाओं को 1945 में वोट देने का अधिकार मिला। इसके लिए एक अमेरिकी अधिकारी लेफ्टिनेंट एटहेल वीड ने काफी प्रयास किए थे। 

भारतः 1947
भारतीय महिलाओं को वोट देने का अधिकार उसी दिन मिल गया था जिस पुरुषों को यहां वोट करने का अधिकार दिया गया था।

Other News

 जिंदगी की झंझावतों से लड़ना और जीवन वापसी का सबक सीखना है तो महिला भारोत्तोलक मीराबाई चानू से सीखें

मुसीबतों का सीना चीर बनीं योद्धा : जिंदगी की झंझावतों से लड़ना कोई मीराबाई चानू से सीखे

नई दिल्ली।  जिंदगी की झंझावतों से लड़ना और जीवन वापसी का सबक सीखना है तो महिला भारोत्तोलक मीराबाई चानू से सीखें। तोक्यो ओलंपिक में उन्होंने शनिवार को 49 किग्रा वर्ग में रजत पदक जीतकर न सिर्फ...

Update Sunday, Jul 25,2021,12:55 AM IST

जिस बच्चे का हुआ था देश में पहला लीवर ट्रांसप्लांट, वो अब डॉक्टर बनकर दूसरे बच्चों को देगा नया जीवन

1998 में मेडिकल साइंस ने देश में इतिहास रच दिया। तब पहली बार 20 महीने के एक बच्चे का सफलतापूर्वक लीवर ट्रांसप्लांट किया गया। अब 22 सालों के बाद वह बच्चा संजय कंडास्वामी डॉक्टर बनने जा रहा है। अगले...

Update Thursday, Nov 19,2020,02:38 PM IST

Garbage To Garden: समांथा अय्याना ने कूड़ेघर को बना दिया बाग, आंनद महिंद्रा ने की तारीफ

कुन्नूर (तमिलनाडु): तमिलनाडु में एक हिल स्टेशन है। नाम है कुन्नूर। यह नीलगिरी के चाय के बागों के बीच स्थित देश की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। लेकिन करीब डेढ़ साल पहले तक कुन्नूर में एक बहुत बड़ा...

Update Thursday, Nov 19,2020,11:52 AM IST

#अच्छा काम : राफेल संग आसमान चूमेंगी वाराणसी की शिवांगी, रचेंगी इतिहास

  वाराणसी। जोश, जुनून और अनवरत प्रयास के बल पर कोई लक्ष्य नामुमकिन नहीं है -इसे वाराणसी के फुलवरिया गांव की शिवांगी सिंह ने साबित कर दिखाया। लीक से हटकर वायु सेना में फाइटर विमान उड़ाने का...

Update Thursday, Oct 1,2020,02:03 AM IST

अच्छा काम : आईआईटी के पूर्व छात्र सरकारी स्कूल के बच्चों को लोगों की मदद से देंगे स्मार्टफोन

नई दिल्ली | कोरोना काल में सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे कम आय वर्ग वाले परिवारों के बच्चों के सामने अपनी पढ़ाई जारी रखना चुनौती बन गया है। साधन संपन्न परिवारों  के  बच्चों के लिए तो फिर भी...

Update Tuesday, Sep 29,2020,08:34 PM IST

डॉक्टर ऑफ मोटिवेशन नरेंद्र सिंह का सपना, सातों महाद्वीप की चोटियां फतह करना

नई दिल्ली। हौसले बुलंद हों तो मंजिल मिल ही जाती है। मिलेनियम सिटी से 65 किलोमीटर दूर रेवाड़ी के डॉ. नरेंद्र सिंह ने अपने जुनून व परिश्रम से यह सिद्ध कर दिखाया है। 12 साल के संघर्ष में पर्वतारोही डॉ....

Update Tuesday, Sep 29,2020,03:25 PM IST

इस सोशल साइट पर पहचान बदलकर नहीं कर सकेंगे चैटिंग, साइन-अप के लिए मोबाइल नंबर जरूरी

सैन फ्रांसिस्को : सोशल मीडिया स्वतंत्र  अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम बनकर उभरा है। फेसबुक हो या ट्विटर जैसी तमाम साइट, सभी पर यूजर अपने अनुभव और विचार साझा करते हैं। लेकिन, इन पर फेक न्यूज की भी...

Update Sunday, Sep 27,2020,01:28 AM IST